Poetry is able to convey the most profound feelings of the struggle and perseverance. The title of waqt garibi shayari in Hindi matches the meaning of the sufferings as portrayed in its poignant verses. We will discuss the importance of these shayari in this article to anyone who has to struggle in this life.
Learn how these words can offer comfort and encouragement, the way to remember that even in difficult moments we can have art to help us to recover.
Waqt Garibi Shayari in Hindi

No 1:
मरहम लगा सको तो किसी गरीब के जख्मों पर लगा देना,
हकीम बहुत है बाजार में अमीरों के इलाज की खातिर।
No 2:
बस एक बात का मतलब मुझे आज तक समझ नहीं आया,
जो गरीब के हक के लिए लड़ते हैं वह अमीर कैसे बन जाते हैं।
No 3:
जिस बस्ती में गरीब बसते हैं,
वहां रोटी महंगी गम सस्ते हैं।
No 4:
मौत जरा पहले आना,
गरीब के घर कफन का खर्च दबाओं में निकल जाता है।
No 5:
बस एक बात का मतलब मुझे आज तक समझ नहीं आया,
जो गरीब के हक के लिए लड़ते हैं वह अमीर कैसे बन जाते हैं।
No 6:
सहम उठाते हैं कच्चे मकान पानी के खौफ से,
महलों की आरजू यह है की बरसात तेज हो।
No 7:
ऐ रियासत तूने भी इस दौर में कमाल कर दिया,
गरीबों को गरीब अमीरों को मालामाल कर दिया।
No 8:
मैं गरीब का बच्चा था इसलिए भूखा रह गया,
पेट भर गया वो कुत्ता जो अमीर के घर का था।
No 9:
हम गरीब लोग हैं किसी को मोहब्बत के सिवा क्या देंगे,
एक मुस्कुराहट थी वो भी बेवफा लोगों ने छीन ली।
No 10:
मजबूरियां हावी हो जाएँ यह जरूरी तो नहीं,
थोड़े बहुत शौक तो गरीबी भी रखती है।
Waqt Garibi Status
No 1:
अपने मेहमान को पलकों पर बिठा लेती है,
गरीबी जानती है घर में बिछौने कम है।
No 2:
अजीब मिठास है मुझ गरीब के खून में भी,
जिसे भी मौका मिलता है वह पीता जरूर है।
No 3:
इस नसीहत कहो या जुबानी चोट साहब,
एक शख्स कह गया गरीब मोहब्बत नहीं करते।
No 4:
तहजीब की मिसाल गरीबों के घर पर है,
दुपट्टा फटा हुआ है मगर उनके सर पर है।
No 5:
मोहब्बत भी सरकारी नौकरी लगती है साहब,
किसी गरीब को मिलती ही नहीं।
No 6:
चेहरा बता रहा था कि मारा है भूख ने,
सब कह रहे थे कि कुछ खाकर मर गया।
No 7:
यह गंदगी तो महल वालों ने फैलाई है साहब,
वरना गरीब को सड़कों से थैलियाँ तक उठा लेते हैं।
No 8:
सूखी रोटी को भी खाते हुए देखा मैंने,
सड़क किनारे वह भिखारी शहंशाह निकला।
No 9:
गरीब की आग अगर आंखों की नमी से मिट जाए तो अद्भुत अंजाम होगा,
ना ही कोई गरीब होगा ना ही कोई बदनाम होगा।
No 10:
किसी भूखे से पूछ कर देखो,
रोटी की खुशबू इश्क पर भारी है।
गरीबी शायरी हिंदी

No 1:
मैं कड़ी धूप में चलता हूं इस यकीन के साथ,
मैं जलूँगा तो मेरे घर में उजाले होंगे।
No 2:
गरीबों की औकात ना पूछो तो अच्छा है, इनकी कोई जात न पूछो तो अच्छा है,
चेहरे कई वे नकाब हो जाएंगे ऐसी कोई बात ना पूछो तो अच्छा है।
No 3:
क्या किस्मत पाई है रोटियों ने भी,
निवाला बनाकर रईसों ने आधी फ़ेंक दी।
No 4:
यूं गरीब कहकर खुद की तौहीन न कर ऐ बन्दे,
गरीब तो वो लोग हैं जिनके पास ईमान नहीं।
No 5:
कैसे मोहब्बत करूं बहुत गरीब हूं साहब,
लोग बिकते हैं और मैं खरीद नहीं पता।
No 6:
आमिर की बेटी पार्लर में जितना दे आती है,
उतने में गरीब की बेटी अपने ससुराल चली जाती है।
No 7:
अमीर की छत पर बैठा हुआ कौवा भी मोर लगता है,
गरीब का भूखा का बच्चा भी चोट लगता है।
No 8:
शाम को थक कर टूटे झोपड़ी में सो जाता है वह मजदूर,
जो शहर में ऊंची इमारतें बनाता है।
No 9:
पेट की भूख ने जिंदगी के हर एक रंग दिखा दिए,
जो अपना बोझ उठा न पाए पेट की भूख ने पत्थर उठवा दिए।
No 10:
वो जिनके हाथ में हर वक्त छाले रहते हैं,
आबाद उन्हीं के दम पर महल वाले रहते हैं।
Majboori Garibi Shayari
No 1:
छुपाता था वह गरीब अपनी भूख को गुरबत में,
अब वह भी फक्र से रहेगा मेरा रोज़ा है।
No 2:
ज़रूरतों की भूख जब पेट में शोर मचाती है,
दिल की ख्वाहिशें कुछ – कुछ चुप सी पड़ जाती हैं।
No 3:
बहुत जल्दी सीख लेता हूं जिंदगी का सबक,
गरीब बच्चा हूं बात-बात पर जीत नहीं करता।
No 4:
दोपहर तक बिक गया बाजार का हर एक झूठ,
एक गरीब सच लेकर शाम तक बैठा ही रहा।
No 5:
उन्हें यह सोचकर अलविदा कह दिया,
गरीब लोग हैं मोहब्बत के सिवा क्या देंगे।
No 6:
जब भी देखता हूं किसी गरीब को हंसते हुए,
तो यकीन आ जाता है की खुशियों का ताल्लुक दौलत से नहीं होता।
No 7:
यहां गरीबों को मारने की जल्दी यूं भी है,
कहानी कफन महंगा ना हो जाए।
No 8:
सुला दिया मां ने बहू के बच्चे को यह कहकर,
परियां आएंगी सपनों में रोटिया लेकर।
No 9:
जनाजा बहुत भारी था उसे गरीब का,
शायद सारे अरमान साथ लिए जा रहा था।
No 10:
मैं क्या मोहब्बत करूं किसी से मैं तो गरीब हूं,
लोग अक्सर बिकते हैं और खरीदना मेरे बस में नहीं
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Garib Shayari 2 Line

No 1:
कभी आंसू तो कभी खुशी बेची हम गरीबों ने बेकसी बची,
चंद सांसे खरीदने के लिए रोज थोड़ी सी जिंदगी बची।
No 2:
उन घरों में जहां मिट्टी के खड़े रहते हैं,
कद में छोटे मगर लोग बड़े रहते हैं।
No 3:
भटकती है हबस दिन-रात सोने की दुकानों पर,
गरीबी कान छिदबाकर तिनके डाल देती है।
No 4:
कैसे बनेगा अमीर वह हिसाब का कच्चा भिखारी,
जो एक सिक्के के बदले जो भी कीमती दुआएं देता है।
No 5:
रजाई की रोटी गरीबों के आंगन में दस्तक देती है,
जब गर्म रखने वाले ठंड से नहीं मरते।
No 6:
सर्दी गर्मी बरसात और तूफान में झेलता हूँ गरीब हूं,
खुश होकर जिंदगी का हर एक खेल खेलता हूं।
No 7:
तुम रूठ गए थे जिस उम्र में खिलौना न पाकर,
मेरा दोस्त वे ऊब गए थे उसे उम्र में पैसा कमा कमा कर।
No 8:
न जाने वह किस खिलौने से खेलता है,
गरीब का बच्चा जो पूरे दिन मेले में गुब्बारे बेचता है।
No 9:
अमीरी ने सिखाया जीना दौलत तोल के,
मुफलिसी ने सिखाया जीना मीठा बोल के।
No 10:
कमी लिबास की तन पर अजीब लगती है ,
अमीर बाप की बेटी गरीब लगती है।
Conclusion
Waqt garibi shayari in Hindi is a magnificent portrayal of the struggles and aspirations of the people who are suffering due to their financial difficulties. Poets, with the help of heartfelt verses, express the emotional turmoil that goes hand in hand with poverty that makes people sympathize and reflect.
