The right words can put life into your relationships. Rishte umeed shayari is also an effective means of expression and fostering relationships in the context of love. This paper plunges into the importance of Shayari in bringing hope and intimacy to relationships, how a couple of sentimental lines make a big difference.
You are about to discover poetic phrases that will not only improve your love life but also make you more attached to your friends and family.
Rishte Umeed Shayari

No 1:
दिल ना-उमीद तो नहीं नाकाम ही तो है
लम्बी है ग़म की शाम मगर शाम ही तो है
No 2:
न कोई वा’दा न कोई यक़ीं न कोई उमीद
मगर हमें तो तिरा इंतिज़ार करना था
No 3:
हम को उन से वफ़ा की है उम्मीद
जो नहीं जानते वफ़ा क्या है
No 4:
यूँ तो हर शाम उमीदों में गुज़र जाती है
आज कुछ बात है जो शाम पे रोना आया
No 5:
मिरे जुनूँ का नतीजा ज़रूर निकलेगा
इसी सियाह समुंदर से नूर निकलेगा
No 6:
शाख़ें रहीं तो फूल भी पत्ते भी आएँगे
ये दिन अगर बुरे हैं तो अच्छे भी आएँगे
No 7:
अब तक दिल-ए-ख़ुश-फ़हम को तुझ से हैं उमीदें
ये आख़िरी शमएँ भी बुझाने के लिए आ
No 8:
यही है ज़िंदगी कुछ ख़्वाब चंद उम्मीदें
इन्हीं खिलौनों से तुम भी बहल सको तो चलो
No 9:
तिरे वा’दों पे कहाँ तक मिरा दिल फ़रेब खाए
कोई ऐसा कर बहाना मिरी आस टूट जाए
No 10:
ना-उमीदी मौत से कहती है अपना काम कर
आस कहती है ठहर ख़त का जवाब आने को है
किसी से उम्मीद न रखो शायरी
No 1:
इतना भी ना-उमीद दिल-ए-कम-नज़र न हो
मुमकिन नहीं कि शाम-ए-अलम की सहर न हो
No 2:
आरज़ू हसरत और उम्मीद शिकायत आँसू
इक तिरा ज़िक्र था और बीच में क्या क्या निकला
No 3:
साया है कम खजूर के ऊँचे दरख़्त का
उम्मीद बाँधिए न बड़े आदमी के साथ
No 4:
मैं अब किसी की भी उम्मीद तोड़ सकता हूँ
मुझे किसी पे भी अब कोई ए’तिबार नहीं
No 5:
मैं अब किसी की भी उम्मीद तोड़ सकता हूँ
मुझे किसी पे भी अब कोई ए’तिबार नहीं
No 6:
कहते हैं कि उम्मीद पे जीता है ज़माना
वो क्या करे जिस को कोई उम्मीद नहीं हो
No 7:
ख़्वाब, उम्मीद, तमन्नाएँ, तअल्लुक़, रिश्ते
जान ले लेते हैं आख़िर ये सहारे सारे
No 8:
मौजों की सियासत से मायूस न हो ‘फ़ानी’
गिर्दाब की हर तह में साहिल नज़र आता है
No 9:
इतने मायूस तो हालात नहीं
लोग किस वास्ते घबराए हैं
No 10:
वो उम्मीद क्या जिस की हो इंतिहा
वो व’अदा नहीं जो वफ़ा हो गया
Umeed Shayari in Hindi

No 1:
उम्मीद तो बंध जाती तस्कीन तो हो जाती
वा’दा न वफ़ा करते वा’दा तो किया होता
No 2:
किस से उम्मीद करें कोई इलाज-ए-दिल की
चारागर भी तो बहुत दर्द का मारा निकला
No 3:
अब रात की दीवार को ढाना है ज़रूरी
ये काम मगर मुझ से अकेले नहीं होगा
No 4:
तुम कहाँ वस्ल कहाँ वस्ल की उम्मीद कहाँ
दिल के बहकाने को इक बात बना रखी है
No 5:
कुछ कटी हिम्मत-ए-सवाल में उम्र
कुछ उमीद-ए-जवाब में गुज़री
No 6:
बस अब तो दामन-ए-दिल छोड़ दो बेकार उम्मीदो
बहुत दुख सह लिए मैं ने बहुत दिन जी लिया मैं ने
No 7:
बिछड़ के तुझ से मुझे है उमीद मिलने की
सुना है रूह को आना है फिर बदन की तरफ़
No 8:
इंक़लाब-ए-सुब्ह की कुछ कम नहीं ये भी दलील
पत्थरों को दे रहे हैं आइने खुल कर जवाब
No 9:
रख न आँसू से वस्ल की उम्मीद
खारे पानी से दाल गलती नहीं
No 10:
फिर मिरी आस बढ़ा कर मुझे मायूस न कर
हासिल-ए-ग़म को ख़ुदा-रा ग़म-ए-हासिल न बना
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Pain Umeed Quotes in Hindi
No 1:
मुझ को औरों से कुछ नहीं है काम
तुझ से हर दम उमीद-वारी है
No 2:
इसी उम्मीद पर तो जी रहे हैं हिज्र के मारे
कभी तो रुख़ से उट्ठेगी नक़ाब आहिस्ता आहिस्ता
No 3:
उमीद-ओ-बीम के मेहवर से हट के देखते हैं
ज़रा सी देर को दुनिया से कट के देखते हैं
No 4:
पूरी होती हैं तसव्वुर में उमीदें क्या क्या
दिल में सब कुछ है मगर पेश-ए-नज़र कुछ भी नहीं
No 5:
नई नस्लों के हाथों में भी ताबिंदा रहेगा
मैं मिल जाऊँगा मिट्टी में क़लम ज़िंदा रहेगा
No 6:
तर्क-ए-उम्मीद बस की बात नहीं
वर्ना उम्मीद कब बर आई है
No 7:
झूटे वादों पर थी अपनी ज़िंदगी
अब तो वो भी आसरा जाता रहा
No 8:
आसार-ए-रिहाई हैं ये दिल बोल रहा है
सय्याद सितमगर मिरे पर खोल रहा है
No 9:
यूँ रात गए किस को सदा देते हैं अक्सर
वो कौन हमारा था जो वापस नहीं आया
No 10:
खेत जल-थल कर दिए सैलाब ने
मर गए अरमान सब दहक़ान के
Umeed Tuti Shayari

No 1:
क्या किसी उम्मीद पर फिर से दर-ए-दिल वा करूँ
तुझ से बढ़ कर ख़ुद बता मेरा शनासा कौन था
No 2:
कैसी रुत थी सब्ज़ उम्मीदें भी पीली पड़ गईं
अब से पहले मेरे कूचे में ख़िज़ाँ ऐसी न थी
No 3:
किया दर्द-ओ-ग़म ने मुझे ना-उमीद
कि मजनूँ को ये ही थीं बीमारियाँ
No 4:
एक सिलसिले की उम्मीद थी जिनसे
वही फ़ासले बनाते गये
हम तो पास आने की
कोशिश में थे
ना जाने क्यूँ वो हमसे
दूरियाँ बढ़ाते गये।
No 5:
तसव्वुर में तेरे हम रहे या ना रहे ,
मेरी बातों में तेरा ज़िक्र हमेशा रहेगा….
मुलाक़ात की मुझे उम्मीद नहीं है,
फ़िक्र में तेरी मेरा दिल हमेशा रहेगा
No 6:
मत करो उम्मीद किसी से
हर किसी की अपनी दुनिया है…
कोई कितना भी अपना क्यों ना हों
पहले अपना ही देखता है…!!
No 7:
मेरे चेहरे पे कफ़न ना डालो
मुझे आदत है मुस्कुराने की
मेरी लाश को ना दफ़नाओ
मुझे उम्मीद है उस के आने की।
No 8:
उम्मीद अच्छी है पर
हर किसी से नहीं
No 9:
मैंने समझा था मुझे समझ सकोगे.
मैं गलत था तुमसे ये उम्मीद करी।
No 10:
दिल जिस से लग जाए
उससे उम्मीदे मत लगाना।
Conclusion
The poem rishte umeed shayari is a masterpiece that captures the whole spirit of relationships that are full of hope and love. These poetic words are used not only to express feelings, but also to make people love their relations with other people.
Hopeful shayari can express the feelings which are not commonly said whether they are in a romantic relationship or just friendship or family. This is because by accepting these verses we are able to learn more about each other and making our relationships more solid.
